एनेस्थीसिया के बारे में कहा जाता है कि इसने मेडिकल साइंस में बड़ा ही क्रांतिकारी बदलाव किया है. आइए आज इसी के बारे में समझते हैं कि यह कितना नुकसानदेह और फायदेमंद है.
किसी भी तरह की सर्जरी या ऑपरेशन से पहले डॉक्टर मरीज को बेहोश करने के लिए जो दवा देते हैं उसे एनेस्थीसिया कहा जाता है. यह दवा लेने से शरीर सुन्न हो जाता है और दर्द का एहसास नहीं होता है. एनेस्थीसिया एक प्रकार स मेडिकल साइंस में किसी करिश्मे से कम नहीं है.
एनेस्थीसिया दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर के साथ मिलकर काम करता है. यह ब्रेन के साथ गुजरने वाली नसों के संकेत को सुन्न करने का काम करता है.
एनेस्थीसिया के उचित डोज से कोई नुकसान नहीं होता है, बशर्ते यह एक्सपर्ट डॉक्टरों की देख रेख में लिया जाना चाहिए. हां इसके साइड इफेक्ट जरूर होते हैं.
इसके साइड इफेक्ट में सिरदर्द की शिकायत, खुजली की परेशानी, उल्टी या जी मिचलाना, चक्कर आना, बेहोशी महसूस होना, अचानक ठंड लगना और कंपकंपी महसूस होना शामिल है.
एनेस्थीसिया को मास्क, इंजेक्शन या ट्यूब के माध्यम से दिया जाता है. एनेस्थीसिया कई प्रकार की होती है. छोटे कट या टांकों के लिए कम एस्थीसिया का प्रयोग किया जाता है वहां सर्जरी के लिए हाई डोज दिया जाता है.
जब सर्जरी या ऑपरेशन पूरी हो जाता है तो एनेस्थीसिया को रोक दिया जाता है और फिर मरीज धीरे-धीरे होश में आने लगता है.