तलवार की धार को भी फीका कर देंगें हरिशंकर परसाई के ये 8 व्यंग्य

Zee News Desk
Oct 24, 2024

"जनता जब आर्थिक न्याय की मांग करती है, तब उसे किसी दूसरी चीज़ में उलझा देना चाहिए, नहीं तो वह खतरनाक हो जाती है....!!"

"बेइज़्ज़ती में अगर दूसरे को भी शामिल कर लो तो आधी इज़्ज़त बच जाती है...!!"

"सारी दुनिया ग़लत है। सिर्फ़ मैं सही हूँ, यह अहसास बहुत दुख देता है...!!"

"लड़कों को, ईमानदार बाप निकम्मा लगता है...!!"

"दिवस कमजोर का मनाया जाता है, जैसे महिला दिवस, अध्यापक दिवस, मजदूर दिवस. कभी थानेदार दिवस नहीं मनाया जाता...!!"

''जिनकी हैसियत है वे एक से भी ज्यादा बाप रखते हैं. एक घर में, एक दफ्तर में, एक-दो बाजार में, एक-एक हर राजनीतिक दल में...!!"

"पागलपन को गर्वपूर्वक वहन करना है तो उसे किसी दर्शन का आधार अवश्य चाहिए...!!"

"विचार जब लुप्त हो जाता है, या विचार प्रकट करने में बाधा होती है, या किसी के विरोध से भय लगने लगता है. तब तर्क का स्थान हुल्लड़ या गुंडागर्दी ले लेती है...!"

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प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी इससे जुड़ा पढ़ें तो उससे पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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