चाणक्य ने बताया, इन लोगों को समझाना है समय की बर्बादी!

Sep 10, 2024

समय की बर्बादी

ऐसे इंसान को समझाना जो कभी बदलने वाला नहीं, सिर्फ समय की बर्बादी है.

न दुर्जन: साधुदशामुपैति बहुप्रकारैरपि शिक्ष्यमाण:. आमूलसिक्त: पयसा घृतेन न निम्बवृक्षो मधुरत्वमेति..

ये श्लोक बताता है कि कुछ लोगों को कितना भी समझाओ, उनका स्वभाव नहीं बदलता.

नीम और दुर्जन व्यक्ति

जिस तरह नीम का वृक्ष दूध और घी से सींचने पर भी मीठा नहीं होता, वैसे ही दुर्जन व्यक्ति को समझाने से वो सज्जन नहीं बनता.

संस्कारों का महत्व

चाणक्य कहते हैं, जिस व्यक्ति में संस्कार हैं, वो सज्जन बनेगा और जिसमें नहीं, वो दुर्जन ही रहेगा.

अवचेतन मन का असर

हमारी कुछ आदतें अवचेतन मन से कंट्रोल होती हैं इसीलिए, दूषित सोच वाले व्यक्ति को बदलना बहुत मुश्किल होता है.

स्वभाव का परिवर्तन

बिना अंदर से परिवर्तन के, किसी व्यक्ति का असली स्वभाव बदलना असंभव है.

सज्जन और दुर्जन का अंतर

सज्जन व्यक्ति के अच्छे संस्कार उसके स्वभाव को बनाते हैं. दुर्जन व्यक्ति के बुरे संस्कार उसके स्वभाव को बिगाड़ते हैं.

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