क्या कोई बाजार ऐसी भी है जहां पर सैकड़ों रुपये किलो मिलने वाला महंगा क्वालिटी ड्राईफ्रूट्स औने-पौने दामों में मिल जाए.
जामताड़ा में आपको आलू-प्याज के दाम पर काजू मिल जाएंगे. जबकि देश के बाकी हिस्सों में अच्छा काजू 700-800 रुपये प्रति किलो से कम नहीं मिलता.
जामताड़ा की बात करें तो इसके आसपास करीब 50 एकड़ कृषि भूमि में काजू की बंपर खेती होती है. काजू के बड़े बागान हैं. यहां बेहद सस्ते दाम पर पैदावार बेची जाती है.
जामताड़ा को काजू की नगरी भी कहा जाता है. यहां काजू के पेड़ बड़ी मात्रा में लगाए गए हैं, जिससे हर साल हजारों टन काजू उगता हैं.
देश में यही इकलौती जगह है, जहां आलू-टमाटर के दाम में यानी करीब 40 से 50 रुपये किलो में काजू खरीद सकते हैं.
मांग की तुलना में सप्लाई कम होने की वजह से यह कौड़ियों के भाव में मिल जाता है.
सेहत के लिए रोजाना काजू- बादाम खाना अच्छा माना जाता है. कम से कम 1000 रुपये किलो में बिकने वाले काजू-बादाम खरीदना सबके बस की बात नहीं होती.
झारखंड के पाकुड़, दुमका, सरायकेल और देवघर में भी काजू की बंपर पैदावार होती है. झारखंड की जलवायु काजू की पैदावार के लिए सबसे अच्छी है. 1990 से यहां पर काजू की खेती हो रही है.