बारिश में नहीं होती जलभराव की दिक्कत, स्टोर पानी का फिर से कर सकते थे इस्तेमाल, ऐसा था मुगलों का ड्रैनेज सिस्टम

Arti Azad
Jul 30, 2023

Drainage System Of Mughal: भारत में बाबर ने 1526 में मुगल साम्राज्य की स्थापना की और इसके बाद कई मुगल बादशाहों ने करीब 200 साल तक मुगल सल्तनत पर राज किया

कई खूबसूरत चीजों का किया निर्माण

इस दौरान यहां कई इमारतों का निर्माण हुआ. ताजमहल से लेकर लालकिला तक सब मुगलों की देन है, लेकिन इनकी दी हुई एक चीज की आज भी हर कोई दाद देता है.

मुगलों के ड्रैनेज सिस्टम

मुगलों के महलों में पानी निकासी की बेहर शानदार व्यवस्था थी. आज बारिश में शहरों में जलभराव हो जाता है, वहीं उस काल में इंजीनियरिंग स्किल कमाल की थी .

नहीं होती थी जलभराव की दिक्कत

मुगल बादशाह शाहजहां ने 1638-1648 में दिल्ली के लालकिला का निर्माण करवाया था, लेकिन आज भी इसका ड्रैनेज सिस्टम काफी एडवांस है.

लाखोरी ईंटों से बनाते थे ड्रैनेज सिस्टम

साल 2020 में लालकिला के पास एक पुराने ड्रैनेज सिस्टम का पता लगा था, जो लाखोरी ईंटों से बना था.

बारिश का स्टोर

मुगलकालीन ड्रैनेज सिस्टम को महल के अंदर और पूरे शाहजहांनाबाद (वर्तमान दिल्ली) को कवर किया गया था. बारिश के स्टोर पानी का फिर से इस्तेमाल किया जा सकता था.

संगमरमर से ढकी अंडरग्राउंड नालियां

बारिश के बाद शहर का पानी इन्हीं नालों के जरिए निकाला जाता था. वहीं, लालकिले में कई छोटी अंडरग्राउंड नालियां हैं, जो बारिश के पानी को महल में ही एक जगह जमा करती थीं.

ताजमहल में भी पानी निकास के पुख्ता इंतजाम

ऐसा ही ड्रैनेज सिस्टम आगरा के ताजमहल में देखने को मिलता है, जहां बारिश के पानी को इकट्ठा करने के लिए पक्की नालियां बनाई गई थीं.

ड्रैनेज सिस्टम ऐसे करता था काम

मुगलकाल पानी के निकास के लिए छोटी नालियों को बड़े नालों से और फिर उसे शहर से बाहर तक भेजा जाता था, जैसा आज के समय काल में होता है

अंडर ग्राउंड कुंए

कई महलों में तो अंडर ग्राउंड कुंए बनाए गए थे, जहां पानी स्टोर हो सके. दिल्ली-आगरा के अलावा बुरहानपुर में भी ऐसा ड्रैनेज सिस्टम देखने को मिल जाएगा.

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