क्यों कहा जाता है संजय को सूत पुत्र? उनका महाभारत युद्ध के बाद क्या हुआ?

Pooja Attri
Oct 27, 2023

संजय महर्षि वेदव्यास के शिष्य थे जोकि महाभारत के अहम पात्र थे.

धृतराष्ट्र की राजसभा में संजय शामिल थे और उनका हर कोई बेहद आदर सम्मान करता था.

विद्वान गवाल्गण नामक सूत के पुत्र थे संजय जोकि जाति से बुनकर थे इसलिए सूतपुत्र कहलाए.

संजय विद्वान होने के साथ-साथ धार्मिक और विनम्र स्वभाव के थे.

महाभारत युद्ध से ठीक पहले धृतराष्ट्र ने संजय को पांडवों के पास बातचीत के लिए भेजा था.

धृतराष्ट्र के संजय बेशक मंत्री थे मगर उनकी सहानुभूति पांडवों की तरफ थी.

महर्षि वेदव्यास ने संजय को दिव्य दृष्टि दी थी जिसके जरिए उन्होंने महल में बैठकर ही धृतराष्ट्र को महाभारत का पूरा हाल बताया.

संजय महाभारत के युद्ध के बाद कई सालों तक युधिष्ठिर के राज्य में ही रहे.

बाद में संजय ने संयास ले लिया और धृतराष्ट्र की मृत्यु के बाद हिमालय चले गए और कभी नहीं लौटे.

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