मछली जल की रानी है और जीवन उसका पानी है... ये कविता तो हम सभी ने सुनी होगी.
लेकिन पानी से बाहर मछली कितने देर जिंदा रह सकती है. ये सवाल तो आपके मन में जरूर आया होगा. चलिए आपको इसका जवाब देते हैं.
इस पर कई रिसर्च हुई हैं, जिसके मुताबिक कुछ मछलियां पानी के बाहर कुछ मिनटों तक, कुछ कई घंटों और कुछ कई महीनों तक जिंदा रह सकती हैं.
यह निर्भर करता है कि मछली की प्रजाति कैसी है, उसका प्राकृतिक आवास और माहौल कैसा है.
दुनिया भर की मछलियों में हवा में सांस लेने वाले अंग होते हैं. वे अपनी त्वचा से भी सांस ले सकती हैं.
इसमें टारपोन, अरापाइमा, वॉकिंग कैटफ़िश, स्नेकहेड्स, ईल, बोफ़िन, लंगफ़िश, गार्स शामिल हैं! इनमें से कुछ मछलियां हवा में सांस लेने में सीमित होती हैं.
जबति टारपोन जो अतिरिक्त ऑक्सीजन और ऊर्जा के विस्फोट के लिए लंबी लड़ाई के दौरान सतह से हवा खींचती हैं.
स्नेकहेड्स और वॉकिंग कैटफिश जैसे अन्य जीवों में अच्छी तरह से विकसित हवा से सांस लेने वाले अंग होते हैं जो उन्हें पानी से बाहर कई घंटों तक जीवित रहने में मदद करते हैं.
कई किलिफ़िश अपनी स्किन से काफी बेहतर तरीके से हवा में सांस ले सकती हैं और कम ऑक्सीजन की स्थिति (हाइपोक्सिया) को भी सहन कर सकती हैं.
यही कारण है कि वे चारा की बाल्टियों में काफी अच्छी तरह से जीवित रहती हैं जबकि अन्य बैटफिश (मिननो, शेड) ऐसा नहीं करतीं.
इसके अलावा, किलिफ़िश की सबसे बड़ी प्रजाति, जैसे मैंग्रोव रिवुलस, एक समय में एक महीने से अधिक समय तक पानी से बाहर जीवित रह सकती है.