ISRO अंटार्टिका में चलाता है अपना स्टेशन, जानें वहां क्या होता है काम?

Alkesh Kushwaha
Nov 02, 2023

इसरो (ISRO) महाद्वीप पर एक स्टेशन चलाता है जो इस प्लैनेट के किनारे पर जमे हुए रहता है.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारकर दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ी है.

इसका नेटवर्क बेंगलुरु की संकरी गलियों से लेकर अंटार्कटिका की ठंडी दुनिया तक फैला हुआ है.

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी की उससे भी बड़ी उपस्थिति है.

यहां अत्याधुनिक सुविधा है जो एक दशक से अधिक समय से सर्विस में है.

यह स्टेशन अगस्त 2013 में चालू किया गया था.

यह इसरो स्टेशन क्या करता है चलिए जानते हैं. AGEOS कार्टोसैट-2 सीरीज, स्कैटसैट-1, रिसोर्ससैट-2/2ए और कार्टोसैट-1 सहित विभिन्न भारतीय रिमोट सेंसिंग (आईआरएस) उपग्रहों से डेटा प्राप्त करता है.

इकट्ठे किए गए डेटा को फिर भारत के हैदराबाद के पास शादनगर में राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) में ट्रांसफर कर दिया जाता है.

AGEOS स्टेशन का संचालन और रखरखाव इसरो इंजीनियरों की एक टीम द्वारा लगातार किया जाता है जो नियमित रूप से भारती स्टेशन पर प्रतिनियुक्त होते हैं

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