सांपों का अनोखा मेला, जानें मूर्ति पर क्यों रखे जाते हैं हजारों सांप
Alkesh Kushwaha
May 07, 2024
सांपों का मेला
एक जमाना था जब पूरे यूरोप में सांपों से जुड़े अनुष्ठान होते थे, लेकिन अब वो लगभग खत्म हो चुके हैं.
इटली में होता है आयोजन
मगर, इटली के एक छोटे से शहर में साल में एक बार आज भी ये परंपरा निभाई जाती है. हर साल 1 मई को इटली के कोकूल्लो (Cocullo) शहर में मेले का आयोजन होता है.
शहर के संरक्षक संत सेंट डोमिनिक
इस मेले में शहर के संरक्षक संत सेंट डोमिनिक (सान डोमिनिको अबाटे) को मनाया जाता है. ये 10वीं सदी के एक भटकते हुए बेनेडिक्टाइन भिक्षु थे, जिन्होंने पूरे इटली में घूमते हुए मठों की स्थापना की थी.
संत की मूर्ति का जुलूस
कैथोलिक धर्म के दूसरे त्योहारों की तरह कोकूल्लो में भी संत की एक मूर्ति को जुलूस में घुमाया जाता है, लेकिन यहां खास बात ये है कि इस मूर्ति को ज़िंदा सांपों से पूरी तरह ढक दिया जाता है.
कैटिनी पहाड़ पर
त्योहार की तैयारियां मार्च के अंत से ही शुरू हो जाती हैं, जब बर्फ पिघलनी शुरू हो जाती है और "सेरपारी" (वे लोग जो मध्यकालीन सांप पकड़ने वालों और सांप से जादू करने वाले "सियारली" की संतान हैं) गैर-जहरीले सांपों को पकड़ने के लिए कैटिनी पहाड़ पर जाते हैं.
जिंदा चूहे खिलाते
फिसलने वाले इन सांपों को वे करीब एक महीने के लिए लकड़ी के डिब्बों में रखते हैं और उन्हें उबले अंडे और जिंदा चूहे खिलाते हैं.
दांतों से चैपल की घंटी बजाते
पहली मई की सुबह श्रद्धालु संत डोमिनिको के चैपल में इकट्ठा होते हैं और अपने दांतों से चैपल की घंटी बजाते हैं.
संत की मूर्ति पर सांप
फिर चार लोग चर्च से संत की मूर्ति को बाहर निकालते हैं और उस पर ज़िंदे सांप रख दिए जाते हैं.
शुभ संकेत
माना जाता है कि अगर सांप साल भर के लिए संत के सिर के आसपास कुंडल बना लेते हैं तो यह आने वाले साल के लिए शुभ संकेत होता है, वहीं अगर सांप गिर जाते हैं तो अशुभ माना जाता है.
जुलूस शहरभर में घूमता है
जुलूस के शहरभर में घूमने के दौरान सम्मोहित भीड़ मूर्ति को छूने के लिए लगी रहती है. दिन के अंत में, सांपों को वापस जंगल में छोड़ दिया जाता है. (सभी तस्वीरें GETTY IMAGES से)