क्या आप जानते हैं मुगल सल्तनत की सबसे प्रोग्रेसिव प्रेम कहानी

Zee News Desk
Jun 29, 2024

मुगल बादशाह जहांगीर ने कई शादियां कीं लेकिन नूरजहां से मिलने के बाद उनके होठों पर किसी और का नाम नहीं आया.

नूरजहां 34 साल की विधवा थीं जब उनकी जहांगीर से शादी हुई. शायद ही मुगल इतिहास में ऐसा पहले कभी हुआ होगा. चलिए जानते है मुगल पीरियड की सबसे प्रोग्रेसिव प्रेम कहानी को…

नूरजहां की शादी 17 साल की उम्र में मुगल दरबार के एक योद्धा शेर अफगान से हुई थी. लेकिन बाद में शेर अफगान को मुगलों से बगावत करने के जुर्म में मार दिया गया.

नूरजहां को अकबर की पत्नी रुकैया बेगम का सहायक बना दिया गया.

1611 में जहांगीर ने पहली बार नूरजहां को मीणा बाजार में देखा और देखते ही उनको नूरजहां से इस कदर प्यार हो गया कि उन्होंने उसी वक्त नूरजहां को शादी का प्रस्ताव भेज दिया.

नूरजहां से शादी के बाद जहांगीर ने किसी और से शादी नहीं की.

जहांगीर ने नूरजहां को खूब मान और सम्मान दिया. वो एक मात्र ऐसी मुगल रानी हैं जिनके नाम से शाही सिक्के भी जारी किये गए थे. जहांगीर के बीमार पड़ने पर दरबार की सुनवाई नूरजहां ही देखा करती थीं.

एक बार जहांगीर अपना इलाज कराने कश्मीर जा रहे थे. रास्ते उनको महावत खां के आदमियों ने बंदी बना लिया.

जहांगीर को महावत खां से छुड़ाने खुद नूरजहां एक विशाल सेना ले कर पहुंच गयी. लेकिन मुगल सेना थोड़ा कमजोर पड़ गयी और महावत खां ने नूरजहां को भी बंदी बना लिया.

लेकिन महावत खान को नूरजहां के चाल का अंदाजा नहीं था. नूरजहां ने एक सेना संगठित कर जहांगीर को लेकर फरार हो गई.

जहांगीर और नूरजहां एक सच्चे प्रेमी थे. वफादारी के साथ-साथ दोनों में एक दूसरे के प्रति बहुत इज्जत थी.

लाहौर के शाहदरा में जहांगीर और उनकी पत्नी नूरजहां दोनों का मकबरा आज भी साथ साथ है.

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