इस आइलैंड में छोड़ दिया जाता है लाशों को लावारिश! फिर होता है ऐसा 'खेल'
Alkesh Kushwaha
May 10, 2024
इंडोनेशिया में अजीबोगरीब प्रथा
इंडोनेशिया के कई हिस्सों में लोग अपने मृत प्रियजनों को दफनाते नहीं हैं और न ही उनका अंतिम संस्कार करते हैं.
सड़ने के लिए छोड़ देते
बल्कि, उन्हें जंगल में सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है. इसके बाद जो रिवाज वो निभाते हैं, वो भी उतना ही अजीब है.
ट्रुन्यान गांव का मामला
इंडोनेशिया के बीचों-बीच बाली में ट्रुन्यान गांव जिसे टेरून्यान के नाम से भी जाना जाता है. ये गांव बाली आगा लोगों का घर है, जो बाली के मूल निवासी माने जाते हैं.
अनोखे तरीके से दफनाते
ये गांव अपनी अनोखी दफनाने की जगहों के लिए जाना जाता है, जहां मृत शरीरों को सड़ने के लिए खुले में छोड़ दिया जाता है और सभी को देखने के लिए रखा जाता है.
अजीब माहौल बनाती हैं खोपड़ियां
कब्रिस्तान के किनारों पर खोपड़ियां भयानक और अजीब माहौल बनाती हैं. इन लोगों के अपने नियम और कानून हैं.
किया जाता है देखभाल
भले ही ऐसा लगे कि शरीरों को लापरवाही से सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है, लेकिन ऐसा नहीं है. असल में, इसकी देखभाल करने में लोग बहुत मेहनत करते हैं.
बांस के पिंजरों से ढका जाता है
मृत शरीरों को बांस के पिंजरों से ढक दिया जाता है ताकि गिद्ध और कौवे उन्हें न खा सकें. माना जाता है कि किसी जानवर या पक्षी द्वारा मृत शरीर को खाने से उसका अपमान होता है.
बरगद के पेड़ के नीचे रखा जाता
आम तौर पर सड़ते हुए शव से बदबू आती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं होता. मृत शरीरों को तरु मेन्यान (बरगद का पेड़) के पास रखा जाता है.
अच्छी खुशबू वाला पेड़
इसका मतलब है कि अच्छी खुशबू वाला पेड़, जिसकी मीठी खुशबू सड़ने वाले शरीरों की बदबू को दूर कर देती है.
पत्थर पर सजाते खोपड़ी
जब शरीर का मांस सड़ जाता है और हड्डियां बाहर आ जाती हैं, तो लोग खोपड़ी और दूसरी हड्डियों को निकालकर उन्हें पत्थर की वेदी पर सजाते हैं.
कैसे पहुंचते हैं लोग?
ट्रुन्यान हिल कब्रिस्तान एक सक्रिय ज्वालामुखी, माउंट आबांग की ढलानों पर स्थित है और यहां सिर्फ नाव से ही पहुंचा जा सकता है.
तीन कब्रिस्तान
ट्रुन्यान गांव के पास तीन कब्रिस्तान हैं, लेकिन आमतौर पर सिर्फ एक ही पर्यटकों के लिए खुला रहता है.
ऐसा है नियम कानून
अगर किसी की मौत आत्महत्या या दुर्घटना में हुई है, तो उन्हें यहां नहीं दफनाया जाता. खबरों के अनुसार, बच्चों के शव भी इस कब्रिस्तान में नहीं रखे जाते.