यहां की जेल में कैदियों को उबाल दिया जाता था 'जिंदा', सरेआम होता है मर्डर
Alkesh Kushwaha
Jun 19, 2024
भयानक कहानियां
फिल्मों और कहानियों में कैदियों पर भयानक प्रयोग किए जाने की कई कहानियां हैं, लेकिन फिलाडेल्फिया के होम्सबर्ग जेल की कहानी असली है.
जहरीले हथियारों के टेस्ट
यह जेल अब बंद हो चुकी है, लेकिन यह दशकों तक कैदियों पर त्वचा के रोगों के इलाज, दवाओं और जहरीले हथियारों के टेस्ट करने के लिए जानी जाती थी.
होम्सबर्ग जेल
होम्सबर्ग जेल 1896 में फिलाडेल्फिया की मोयामेन्सिंग जेल में कैदियों की बढ़ती संख्या को कम करने के लिए खोली गई थी, लेकिन ये जेल भी जल्द ही कैदियों से भर गई.
हत्याओं के लिए बदनाम
सालों ये जेल दंगों, बलात्कार, कैदियों को तड़पाने, घोटालों, कैदियों पर इलाज के बहाने टेस्ट करने और यहां तक कि हत्याओं के लिए बदनाम रही.
मेडिकल टेस्ट
"होम्सबर्ग जेल में मानव प्रयोग" नाम की किताब में एलन एम. हॉर्नब्लम ने बताया है कि होम्सबर्ग जेल के कैदियों पर इलाज के लिए नहीं बल्कि जांच के तौर पर कैसे मेडिकल टेस्ट किए गए थे.
तड़पा कर मारा
रिपोर्ट्स बताते हैं कि भूख हड़ताल करने वाले कैदियों को बेरहमी से पीटा गया और कुछ का कहना है कि उन्हें गर्मी में तड़पा कर मार दिया गया.
1970 का मामला
1970 में जेल में एक बड़ा हंगामा हुआ था. करीब 100 कैदियों ने हथियार बना लिए थे, जिनमें मीट काटने का चाकू, हड्डी तोड़ने का हथियार, कच्ची फावड़ी और टेबल की टांगें शामिल थीं.
तहस-नहस
उन्होंने जेल की रसोई को तहस-नहस कर दिया और कई दूसरे कैदियों और जेल के सुरक्षाकर्मियों को भी मार डाला. लेकिन सबसे ज्यादा विवाद जेल में हुए मेडिकल टेस्ट को लेकर है.
अजीबोगरीब टेस्ट
1951 से 1974 के बीच डॉक्टर अल्बर्ट एम. क्लिगमन ने जेल के करीब 90% कैदियों पर कई तरह के टेस्ट किए. इन टेस्टों में कैदियों को अलग-अलग बीमारियां, रसायन, दवाइयां और रेडियोधर्मी चीजें दी गईं.
कैंसर
जिसकी वजह से कैदियों को त्वचा की समस्याएं हुईं और हो सकता है उन्हें कैंसर भी हो गया हो. इसी वजह से इस जेल को 'आतंक का घर' भी कहा जाता था.
बंद हुआ जेल
होम्सबर्ग जेल को 1995 में बंद कर दिया गया था.
इमारत आज भी खड़ी है
हालांकि, ये इमारत आज भी खड़ी है और कभी-कभी जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त कैदियों को रखने और कुछ कार्यक्रम चलाने के लिए इस्तेमाल की जाती है.