राहत इंदौरी से लेकर गालिब तक, गर्लफ्रेंड पर 10 खूबसूरत शायरी

Alkesh Kushwaha
Jun 07, 2024

राहत इंदौरी

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है

साहिर लुधियानवी

वो अफ़्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन, उसे इक ख़ूब-सूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा

लियाक़त अली आसिम

शाम के साए में जैसे पेड़ का साया मिले, मेरे मिटने का तमाशा देखने की चीज़ थी

बशीर बद्र

इक शाम के साए तले बैठे रहे वो देर तक, आंखों से की बातें बहुत मुंह से कहा कुछ भी नहीं

शहजाद अहमद

अब मिरा दर्द मिरी जान हुआ जाता है, ऐ मिरे चारागरो अब मुझे अच्छा न करो

शारिक़ कैफ़ी

अभी तो अच्छी लगेगी कुछ दिन जुदाई की रुत अभी हमारे लिए ये सब कुछ नया नया है

मिर्ज़ा ग़ालिब

इश्क़ ने 'ग़ालिब' निकम्मा कर दिया वर्ना हम भी आदमी थे काम के

फ़ैज अहमद फ़ैज

और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा

बशीर बद्र

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए

अहमद फ़राज़

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ

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