राहत इंदौरी के वो 9 चुनिंदा शेर जो छू लेते हैं रूह

Zee News Desk
Nov 08, 2023

तूफ़ानों से आंख मिलाओ, सैलाबों पर वार करो. मल्लाहों का चक्कर छोड़ो, तैर के दरिया पार करो.

किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है. आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है?

ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था. मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था. मेरा नसीब, मेरे हाथ कट गए वरना. मैं तेरी माँग में सिन्दूर भरने वाला था.

कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूंगा उसे, जहां-जहां से वो टूटा है जोड़ दूंगा उसे.

अंधेरें चारों तरफ़ साये-साये करने लगे, चारा हाथ उठाकर दुआएं करने लगे. सलीका जिनको सिखाया था हमने चलने का, वो लोग आज हमें दाये-बाये करने

मैंने अपनी खुश्क आंखों से लहू छलका दिया. इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए.

दो गज सही मगर ये मेरी मिल्कियत तो है, ऐ मौत तूने मुझको जमींदार कर दिया.

हमारे मुंह से जो निकले वही सदाक़त है. हमारे मुंह में तुम्हारी ज़ुबान थोड़ी है. सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में किसी के बाप का हिन्दोस्तान थोड़ी है.

शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम, आँधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे.

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