ना अकबर-ना जहांगीर... बल्कि इस मुगल बादशाह को मिली थी सबसे पहली राखी लेकिन...

Zee News Desk
Aug 30, 2023

मुगल काल की राखी-

हुमायूं ही वो पहला मुगल सम्राट था जिससे मुगल काल में रक्षाबंधन पर्व रिश्ता जुड़ा था. जानिए ये दिलचस्प कहानी क्या थी?

कई इतिहासकार मानते हैं कि राजपूत रानी कर्णावती ने हुमायूं के पास राखी भेजी थी जिसके बाद मुगल काल में यह परंपरा शुरू हुई.

चित्तौड़ पर धावा-

कहा जाता है कि एकबार गुजरात के शासक बहादुर शाह ने चित्तौड़ पर धावा बोल दिया.

रानी कर्णावती और राणा सांगा-

इस दौरान चित्तौड़ पर रानी कर्णावती और राणा सांगा का शासन था. बहादुर शाह को रोकने के लिए रानी कर्णावती ने पद्मशाह के हाथों हुमायूं को राखी भेजी थी.

हालांकि, हुमायूं ग्वालियर के युद्ध में फंसा हुआ था और जब तक उसकी सेना चित्तौड़ पहुंच पाती तब तक बहादुर शाह युद्ध जीत चुका था.

रानी कर्णावती ने बहादूर शाह से हार नहीं मानी और जौहर कर लिया. यह मेवाण का दूसरा जौहर था.

हुंमायू ने रानी कर्णावती के राखी की लाज रखते हुए बहादुर शाह को चित्तौड़ से खदेड़ दिया और गद्दी उनके पुत्र विक्रमादित्य को सौंप दी.

मशहूर इतिहासकार इरफान हबीब के मुताबिक अपने पिता हुमायूं की परंपरा को अकबर ने आगे बढ़ाया और दरबार में ही राखी बंधवाने की परंपरा की शुरुआत की.

अकबर के बाद जहांगीर ने भी इस परंपरा को आगे बढ़ाया और आम लोगों से राखी बंधवाना शुरू किया.

कई इतिहासकार मानते हैं कि शाहजहां के शासन काल में यह परंपरा खत्म होने लगी थी और तानाशाह औरंगजेब ने रक्षाबंधन पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी.

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