जान लो शीशे के बारे में 10 डरावनी सच्चाई, कोई नहीं बताएगा

Alkesh Kushwaha
Jun 13, 2024

आंखों का धोखा

माना जाता है कि अगर आप देर तक शीशे में खुद को देखें तो आपको भ्रम हो सकता है. इसे मिरर गेजिंग कहते हैं. बहुत से लोगों का दावा है कि उन्हें अपने असली चेहरे की जगह बिगड़े हुए चेहरे दिखाई देते हैं.

200 साल पुराना आविष्कार

रिपोर्ट्स के अनुसार, शीशे हमारे आसपास लगभग 200 सालों से हैं। जर्मनी में लगभग 2 शताब्दी पहले शीशे का आविष्कार किया गया था। यह साफ कांच के पीछे एक पतली धातु की परत (metallic silver) लगाकर बनाया जाता है।

ब्लडी मैरी

यह लिस्ट उस लोकप्रिय कहानी के बिना अधूरी है जिसे अक्सर शीशे के साथ जोड़ा जाता है - ब्लडी मैरी की कहानी। इस कहानी के मुताबिक, शीशे के सामने तीन या (कुछ लोगों के अनुसार) 13 बार ‘ब्लडी मैरी’ कहने से एक डरावनी आत्मा सामने आ सकती है। माना जाता है कि यह मिथ 1978 में फैलना शुरू हुआ था।

जानवर और शीशा

कुछ अध्ययनों के अनुसार, कई जानवर खुद को शीशे में पहचान सकते हैं। डॉल्फिन से लेकर चिम्पैंजी और हाथी तक, जानवरों की एक पूरी लिस्ट है जो खुद को शीशे में पहचान सकते हैं.

चांद पर शीशा

अगली बात, चांद पर भी कथित तौर पर शीशे लगाए गए हैं. हालांकि, यह कोई मिथ नहीं बल्कि विज्ञान से जुड़ा हुआ तथ्य है। बताया जाता है कि इन शीशों का इस्तेमाल चांद और पृथ्वी के बीच की दूरी नापने के लिए किया जाता है.

आवाज़ रिफ्लेक्ट करने वाले शीशे

ये जानकर आपको शायद ताज्जुब हो, लेकिन रोशनी के अलावा शीशे आवाज को भी रिफ्लेक्ट कर सकते हैं. ये आम शीशे नहीं होते, इन्हें ध्वनिक शीशा कहते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सेनाओं ने इनका इस्तेमाल दुश्मन के हवाई जहाजों का पता लगाने के लिए किया था.

पानी का शीशा

अगर आप चाहें तो पानी को भी शीशे में बदल सकते हैं. जी हां, बताया जाता है कि सालों पहले लोग पानी और उसके परछावन को शीशे की तरह इस्तेमाल करते थे. ये ज़रूर बहुत मुश्किल काम रहा होगा.

किरण विभाजक

शीशों के बारे में रोचक तथ्य यह है कि ये किरणों को भी विभाजित कर सकते हैं. इन्हें किरण विभाजक कहते हैं और इनका इस्तेमाल दूरबीनों में किया जाता है. ये वैज्ञानिक उपकरणों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

टूटा शीशा

आखिरी रोचक तथ्य ये है कि घर में टूटा शीशा रखना अशुभ माना जाता है.

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