टिहरी बांध टूटा तो कैसा होगा भयानक मंजर, AI तस्वीरों में देखिए जरा

Alkesh Kushwaha
Aug 05, 2024

12 घंटे में मेरठ

12 घंटे में बांध का पानी मेरठ तक पहुंच जाएगा. टिहरी बांध की 42 किलोमीटर लंबी झील मात्र 22 मिनट में खाली हो जाएगी. (Disclaimer: प्रिय पाठक, खबर में सभी तस्वीरें एआई से बनाई गई है. इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है.)

डूब जाएगा ऋषिकेश-हरिद्वार

एक घंटे के अंदर ऋषिकेश और हरिद्वार पूरी तरह से पानी में डूब जाएंगे.

विनाशकारी बाढ़ का खतरा

अगर टिहरी बांध टूट जाता है, तो यह एक भयानक आपदा होगी जिसके परिणामस्वरूप ऋषिकेश, हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ और बुलंदशहर पूरी तरह जलमग्न हो जाएंगे.

कब बना था ये डैम

रूस की मदद से पैसे की कमी जैसी परेशानियों को पार करते हुए आखिरकार 2006 में ये बांध बनकर तैयार हो गया था.

आइडिया 1961 में

टिहरी बांध का आइडिया 1961 में आया था और 1978 में इस सपने को साकार करने का काम शुरू हुआ.

बिजली

सिंचाई और पीने के पानी के अलावा यह बांध 1,000 मेगावाट बिजली भी पैदा करता है.

क्यों है सबसे महत्वपूर्ण

टिहरी बांध दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण जल विद्युत परियोजना है जो हिमालय से निकलने वाली भागीरथी और भिलंगना नदियों के पानी का उपयोग करती है.

कितना है दायरा

यह बांध 52 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले जलाशय का निर्माण करता है जिसमे 2.6 घन किलोमीटर पानी समा सकता है.

क्या है लंबाई-चौड़ाई

इसकी लंबाई 575 मीटर, चौड़ाई ऊपर से 20 मीटर और नीचे से 1,128 मीटर है.

टिहरी बांध

टिहरी बांध 260 मीटर की ऊंचाई के साथ एशिया के सबसे ऊंचे बांधों में से एक है और यह भारत का सबसे ऊंचा बांध है. (Disclaimer: प्रिय पाठक, खबर में सभी तस्वीरें एआई से बनाई गई है. इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है.)

VIEW ALL

Read Next Story