हीलियम गैस के चैंबर में क्यों रखी गई है संविधान की मूल कॉपी, जानें

Zee News Desk
Nov 26, 2024

लोकतांत्रिक देशों की सुव्यवस्थित शासन व्यवस्था के संचालन के लिए संविधान एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है

भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को अस्तित्व में आया, वर्तमान संविधान में 395 अनुच्छेद 12 अनुसूची और 22 भाग है

आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि भारतीय संविधान की जिस मूल कॉपी को 26 नवंबर 1949 को हिंदी और अंग्रेजी में लिखा गया था वो हीलियम गैसे के चैंबर में क्यों रखी हुई है

संविधान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा लिखा गया एक मूल दस्तावेज है जो हमारे लिए एक धरोहर की तरह है इसलिए उसकी सुरक्षा और सम्मान की हर नागरिक की जिम्मेदारी है

शुरुआत में भारतीय संविधान की मूल प्रति को सुरक्षित रखने के लिए फलालैन के एक कपडे़ में लपेटकर नेफथलीन गेंदों के साथ सुरक्षित रखा जाता था

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक साल 1994 में भारत ने अमेरिका की तरह संविधान की मूल कॉपी को गैस के चैंबर में रखने का निर्णय लिया जिसके बाद भारतीय संविधान की कॉपी को हीलियम से भरे एक गैस चैंबर में रखा जाने लगा

हीलियम जो कि एक निष्क्रिय गैस होती है जिससे इसमें रखने वाली चीजें लंबे समय तक उसी अवस्था में सुरक्षित रहती है

भारतीय संविधान काली स्याही में लिखा गया है इसलिए इस स्याही का ऑक्सीकरण होता है जिससे स्याही का रंग फीका पड़ने की संभावना अधिक रहती है

इसके लिए 50 ग्राम आर्द्रता प्रति क्यूबिक मीटर की जरुरत होती है और लिहाजा हीलियम गैस चैंबर को उसी अनुपात में डिजाइन किया गया है जिससे उसकी आर्द्रता बनाकर रखी जाएं जिससे संविधान की मूल प्रति सुरक्षित रहें

इस चैंबर को हमेशा सीसीटीवी से मॉनिटर किया जाता है और इस गैस के चैंबर को हर दो महीने पर चेक किया जाता है

प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है

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