जानें तिरंगे से पहले कैसा दिखता था भारत का राष्ट्रीय ध्वज, 99% लोग नहीं जानते होंगे
Zee News Desk
Aug 08, 2024
सिस्टर निवेदिता
पहला भारतीय ध्वज 1904-1906 के बीच आया था जिसे स्वामी विवेकानंद की एक आयरिश शिष्या सिस्टर निवेदिता ने बनाया था.
1906
1906 में एक और झंडा भी डिजाइन किया गया था. झंडे में सबसे ऊपर नीले रंग की पट्टियां, बीच में पीले रंग की और नीचे लाल रंग की पट्टियां थीं.
अनाधिकारिक ध्व्ज
7 अगस्त 1906 को भारत में पहला अनाधिकारिक राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया. ध्वज में लाल, पीले और हरे रंग की तीन पट्टियां हैं जिसके बीच में वंदे मातरम लिखा था.
जर्मनी में फहराया झंडा
22 अगस्त 1907 को जर्मनी के स्टटगार्ट में मैडम कामा ने झंडा फहराया था. इस झंडे को मैडम कामा, वीर सावरकर और श्यामजी कृष्ण वर्मा ने मिलकर डिजाइन किया था.
डोमिनियन स्टेटस की मांग
1917 में होम रूल लीग ने एक नया झंडा अपनाया. यह वह समय था जब भारत में डोमिनियन स्टेटस की मांग की जा रही थी.
गांधी जी का सुझाव
1921 में आंध्र प्रदेश के एक युवक ने एक झंडा तैयार किया जो लाल और हरे रंगों से बना था. तब गांधीजी ने झंडे में एक सफेद पट्टी जोड़ने का सुझाव दिया था.
चरखा
झंडे के इतिहास में 1931 एक अहम साल है. इसी साल तिरंगे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने का प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें बीच में महात्मा गांधी का चरखा बना हुआ था.
आजाद भातक का झंडा
22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया. चरखे की जगह सम्राट अशोक के धर्म चक्र को राष्ट्रीय ध्वज के प्रतीक के रूप में अपनाया गया.