ब्रेकअप के बाद स्टेटस पर लगाएं कुमार विश्वास की ये कविताएं, प्रेमिका वापस आने को हो जाएगी मजबूर

Zee News Desk
Aug 06, 2024

मैं तुम्हें ढूंढ़ने स्वर्ग के द्वार तक, रोज आता रहा, रोज जाता रहा तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई, मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा

मैं तुम्हें अधिकार दूंगा, एक अनसूंघे सुमन की गन्ध सा मैं अपरिमित प्यार दूंगा, मैं तुम्हें अधिकार दूंगा

जिसकी धुन पर दुनिया नाचे, दिल ऐसा इकतारा है जो हमको भी प्यारा है और, जो तुमको भी प्यारा है झूम रही है सारी दुनिया, जबकि हमारे गीतों पर तब कहती हो प्यार हुआ है,क्या अहसान तुम्हारा है

जो धरती से अम्बर जोड़े ,उसका नाम मोहब्बत है जो शीशे से पत्थर तोड़े ,उसका नाम मोहब्बत है कतरा कतरा सागर तक तो ,जाती है हर उम्र मगर बहता दरिया वापस मोड़े, उसका नाम मोहब्बत है.

बस्ती बस्ती घोर उदासी पर्वत पर्वत खालीपन, मन हीरा बेमोल बिक गया घिस घिस रीता तनचंदन, इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज़ गज़ब की है एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन

बहुत बिखरा बहुत टूटा थपेड़े सह नहीं पाया हवाओं के इशारों पर मगर मैं बह नहीं पाया अधूरा अनसुना ही रह गया यूं प्यार का किस्सा कभी तुम सुन नहीं पायी, कभी मैं कह नहीं पाया.

पनाहों में जो आया हो, तो उस पर वार क्या करना? जो दिल हारा हुआ हो, उस पे फिर अधिकार क्या करना? मुहब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश में हैं, जो हो मालूम गहराई, तो दरिया पार क्या करना?

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