रावण की इन 10 बुराइयों के कारण धूल में मिल गई थी सोने की लंका, हर किसी को इनसे रहना चाहिए दूर
Zee News Desk
Nov 11, 2024
रावण 10 दशानन भी कहा जाता हैं. आइए जानते हैं क्या है 10 सिरों का मतलब.
काम
रावण का पहला सिर काम का प्रतीक है.
क्रोध
काम के साथ अगर क्रोध जुड़ जाए जो व्यक्ति बहुत खतरनाक हो जाता है.
लोभ
क्रोधी होने के साथ वह लोभी भी था. इसी कारण उसने कुबेर से लंका को छिन लिया था.
मोह
रावण को चौथा सिर मोह का प्रतीक हो जो हर अच्छी चीज को अपना बना चाहता है.
मद
मद का अर्थ होता है पागल. पागलपन था रावण में संसार में सबसे अधिक शक्तिशाली बनने का.
मत्सर
इसका अर्थ होता है जलन. जिस व्यक्ति के पास क्रोध के साथ ईर्ष्या हो वह कुछ भी तबाह करने से पहले नहीं सोचता.
वासना
लोभी होने के साथ रावण वासना से भी पूर्ण था जिस कारण उसने अनगिनत अपराध किए.
भ्रष्टाचार
दशानन जितना ही क्रूर था उतना ही भ्रष्टाचारी जो किसी को भी नुकसान पहुंचा सकता था.
अनैतिकता
रावण में नैतिकता जैसी कोई चीज नहीं थी. उसे जो अच्छा लगता उसे वह किसी भी तरह से हासिल करना चाहता था.
अहंकार
यह उसका सबसे बड़ा दोष था जिस कारण सर्वाधिक ज्ञानी होते हुई भी सोने की लंका राख में बदल गई.
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