रात में सोने के दौरान आने वाले सपने अक्सर इंसान की जिंदगी में रहस्य बने रहते हैं. इतना ही नहीं भारत में सपने का अर्थ बताने के लिए स्वप्न शास्त्र भी हैं.
सपनों पर शोध
इंसान के देखे जाने वाले सपनों पर अबतक कई शोध हो चुके हैं और कई अब भी जारी हैं. कई बार सुबह जगने के बाद हम रात में देखा हुआ सपना भूल जाते हैं.
सपनों का भूल जाना
रात में सोने के दौरान हर चीज को भूल जाना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है.
लेकिन सुबह जगने के बाद अगर रात में देखे सपने भूल जाते हैं, तो मन परेशान हो जाता हैं.
सपने भूलने के पीछे की वजह
आज हम आपको रात में देखे सपनों को सुबह जगने के बाद भूल जाने के पीछे की वजह बताएगे.
मनोविज्ञान की राय
मनोविज्ञान के मुताबिक, सपनों का संबंध इंसान के याददाशत मजबूत करने, भावनाओं को कंट्रोल करने और समस्याओं को बेहतर तरीके से हल करने से जुड़ा है.
ज्यादातर सपनें भूल जाते हैं
इंसान को रात में सोने के दौरान 4 से 5 सपने आते हैं, लेकिन सुबह जगने के बाद ज्यादातर सपनों को हम भूल जाते हैं.
शॉट टर्म मेमोरी
सोने के दौरान हम जो भी सपना देखते हैं, वो हमारे मेमोरी के ऐसे हिस्से में जमा होती हैं जो बहुत कम समय के लिए रह सकती है. इसे शॉट टर्म मेमोरी भी कहते हैं.
अस्थायी जानकारी
सपने की जानकारी मेमोरी में अस्थायी रहने के कारण ही सुबह जागने के बाद हम इन्हें भूल जाते हैं. मनोविज्ञान मानता हैं कि मेमोरी नई जानकारी के लिए शॉट टर्म चीजों को खाली करता रहता हैं.
दूसरी बातों में चला जाता है दिमाग
रात में सोने के दौरान जब हम सपने देखते हैं,तो दिमाग बहुत ही ज्यादा सक्रिय होता है. लेकिन सुबह जगने के बाद हमारा ध्यान तुरंत दूसरी बातों में चला जाता है.
सपने भूलने की वजह
जैसे ही सुबह जगने के बाद हमारा ध्यान दूसरी चीजों में जाता है, शॉट टर्म के लिए मेमोरी में स्टोर हुई जानकारी खाली होने लगती है. इसलिए सुबह जगने के बाद हम ज्यादातर सपने भूल जाते हैं.
Disclaimer
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