दुल्हन नहीं बल्कि दूल्हे की होती है शादी के बाद विदाई, यहां महिलाओं से चलता है आगे का वंश
Zee News Desk
Sep 16, 2024
भारत के हर राज्य की अपनी खासियत है. जैसे की भारत के पूर्व में बसा मेघालय
मेघालय महिलाप्रधान प्रदेश है. यहां का खासी आदिवासी समुदाय अनोखे नियमों के लिए पूरी दुनिया में फेमस है.
दूल्हे की विदाई
यहां पर जब लड़का घर की सबसे छोटी बेटी से शादी करता है तो दुल्हन को नहीं बल्कि दूल्हे को अपना घर छोड़कर आना पड़ता है.
सरनेम में मां का नाम
इस समुदाय में सभी लोग अपने नाम के पीछे पिता के नाम के बजाए माता का नाम लगाते हैं.
महिलाओं की भागीदारी
मेडिकल शॉप से लेकर शराब की दुकानों तक सभी में महिलाएं प्रमुखता से नजर आती हैं.
दहेज प्रथा नहीं
शादी के लिए यहां पर कोई दहेज का सिस्टम नहीं है. दहेज देना या लेना दोनों ही खराब माना जाता है.
महिला पुरुष समान
यहां पर महिलाओं और पुरुषों के काम समान हैं. यहां पर लिंग के आधार पर किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाता है.
इस तरह भारत के राज्य मेघालय में रहने वाला खासी ट्राइब अपने महिलाप्रधान समाज के लिए जाना जाता है. यात्री मेघालय आकर इन ट्राइब्स के बीच रहना काफी पसंद करते हैं.
Disclaimer
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