संघर्षों भरा था आचार्य चाणक्य का जीवन, जानें कैसे बने चंद्रगुप्त भारत के पहले सम्राट

Zee News Desk
Sep 28, 2024

आचार्य चाणक्य का जन्म 375 B.C में तक्षशिला में हुआ था. चाणक्य ने 3 वेदों में शिक्षा हासिल की थी.

राजा धनानंद ने एक बार सभा का आयोजन किया था जिसमें सारे देश के ज्ञानी लोगों को बुलाया गया था.

लेकिन सभा में धनानंद द्वारा अपना अपमान किए जाने पर चाणक्य नाराज हो गए और अपना जनेऊ उतार कर वहीं फेंक दिया.

रास्ते में जाते वक्त उन्हें चंद्रगुप्त नाम का एक लड़का दिखाई दिया जो अपने दोस्तों के साथ राजा का खेल खेलने में व्यस्त था.

उसी समय उन्होंने चंद्रगुप्त को भारत का राजा बनाने के लिए चुन लिया और उसे अपने साथ ले गए. साथ ही चंद्रगुप्त को मगध का राजा बनाने की तैयारी में जुट गए.

चंद्रगुप्त के प्रशिक्षण के साथ ही आचार्य चाणक्य ने सेना भी बढ़ानी शुरु कर दी क्योंकि वो जानते थे कि उनका मुकाबला किसी आम राजा से नहीं है.

तक्षशिला में पढ़ाने वाले आचार्य चाणक्य अपनी योजना में सफल हुए और जंगलों में घूमने वाले एक बच्चे को अखंड भारत का सम्राट बना दिया.

चाणक्य ने धनानंद को भी चेतावनी दी थी कि अगर उनका ज्ञान रहा तो खुद ही अपने राजा का निर्माण कर लेंगे.

चाणक्य पिछले 2500 वर्षों के सबसे सफल गुरु माने जाते हैं जिनकी नीतियां आज भी लोगों को प्रेरणा दे रही हैं.

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