देवरहा बाबा एक महान योगी और संत थे. बाबा 30 मीनट से भी अधिक देर तक पानी के अंदर सांस रोक के रह लेते थें. उनका जीवन ऐसे ही रहस्यों और चमत्कारों से भरा हुआ था.
देवरहा बाबा को भारतीय समाज में अत्यंत श्रद्धा और सम्मान प्राप्त था. देश की कई नामचीन हस्तियां उनके दर्शन के लिए लाइन लगाती थीं.
देवरहा बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में हुआ था. लोग बताते थे कि वे बाबा को पचास से अधिक वर्षों से वैसे ही देख रहे हैं. माना जाता है कि वे कई सौ वर्षों तक जीवित रहें.
देवरहा बाबा का पूरा जीवन साधना और योग में बीता. उनका देवरिया शहर में आश्रम था. वहां से वो 3 कि.मी. दूर सरयू नदी के किनारे लकड़ियों से बने मचान पर रहते थे और वहीं से लोगों को आशीर्वाद देते थे.
देश के सभी हिस्सों से लोग उनके दर्शन के लिए आते थे. बड़े-बड़े नेता, फिल्म सितारे, और सामान्य जनता उनकी कृपा पाने के लिए लाइन लगाते थे.
कई बड़े राजनेता देवरहा बाबा के आशीर्वाद के लिए आते थे. डॉ राजेन्द्र प्रसाद, मदन मोहन मालविय, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, और अन्य प्रमुख नेता उनके भक्त थे.
कहा जाता है कि इंदिरा गांधी 1977 का चुनाव हारने के बाद बाबा से मिलने गई थी. बाबा ने हाथ उठाकर कहा यही तुम्हारा भला करेगा. तभी से कांग्रेस ने अपना सिंबल गाय-बछड़े से बदलकर हाथ के पंजे का निशान कर लिया था.
देवरहा बाबा सादगी, संयम, और आध्यात्म से भरा जीवन जीने की सलाह देते थे. उनके उपदेशों में अहिंसा, सत्य, और धर्म की शिक्षा मुख्य थी.
देवरहा बाबा अपने आखिरी दिनों में वृन्दावन में यमुना के तट पर एक मचान में रहते थें. वहीं उनकी स्थल भी है. उनका निधन 19 जून 1990 को हुआ था. उनके निधन के बाद भी उनकी महिमा और उनकी दी हुई शिक्षा लोगों के दिलों में जिंदा हैं.
यह स्टोरी देवरहा बाबा के जीवन और उपदेशों पर आधारित विभिन्न स्रोतों और मान्यताओं से हासिल की गई है. Zee News इस जानकारी की पुष्टी नहीं करता है. इसका उद्देश्य किसी भी व्यक्तिगत या धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं है. पाठकों से अनुरोध है कि वे इसे अपनी समझ और विश्वास के आधार पर लें.