कौन था कोंडाजी फरजंद जिसके बिना पूरा न होता छत्रपति शिवाजी के स्वराज्य का सपना

Zee News Desk
Sep 05, 2024

स्वराज्य

छत्रपति शिवाजी के स्वराज्य के सपने को पूरा करने के लिए कई सारे मराठा योद्धोओं ने अपनी जान की बाजी लगा दी.

मराठी फिल्म

कोंडाजी फरजंद के साहसी कारनामों को 2018 में आई मराठी फिल्म Farzand ने उजागर किया था.

मराठा योद्धा

मराठा योद्धा रहे कोंडाजी फरजंद ने पन्हाला किले को फिर से हासिल करने में छत्रपति शिवाजी की मदद की थी.

ऐतिहासिक अभिलेख

ऐतिहासिक अभिलेखों में लिखा गया है कि पन्हाला के किले को फिर से हासिल करने के लिए कोंडाजी फरजंद ने बहुत बहादुरी से युद्ध किया था.

हमला

सिर्फ 60 सैनिकों के साथ कोंडाजी फरजंद ने पन्हाला के किले पर हमला कर दिया जिसकी सुरक्षा में 2500 सिपाही तैनात थे.

पन्हाला का बदला

कोंडाजी ने न सिर्फ पन्हाला के किले पर कब्जा किया बल्कि बेशक खान को मार कर तान्हाजी की मौत का बदला भी ले लिया.

लड़ाई जारी

छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु के बाद उनके बेटे संभाजी महाराज सिंहासन पर बैठे और स्वराज्य के लिए लड़ाई जारी रखी.

जंजीरा किला

बहादुर कोंडाजी फरजंद को धोखे से बंदी बनाकर मार दिया गया. अगर कोंडाजी के साथ विश्वासघात न होता तो वे छत्रपति संभाजी के लिए जंजीरा किला वापस पा लेते.

महान सेनापति

अपने महान सेनापति कोंडाजी फरजंद की मृत्यु के बारे में सुनकर संभाजी महाराज भी बहुत दुखी हुए थे.

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