ट्रेन में किया गया टॉयलेट जब पटरी पर नहीं गिरता, तो कहां हो जाता है गायब

Zee News Desk
Oct 22, 2023

कब चली थी पहली ट्रेन?

भारतीय ट्रेन से हर दिन लाखों यात्री सफर करते हैं. भारत में साल 1853 में सबसे पहली ट्रेन चली थी.

56 सालों तक ट्रेन में नहीं था शौचालय

आपको बता दें कि 56 सालों तक भारतीय ट्रेन में शौचालय ही नहीं था. इसके बाद साल 1909 में ट्रेन में पहली बार शौचालय का इस्तेमाल किया गया

पहले पटरी पर गिरता था मल और टॉयलेट

शुरुआत में पटरी पर मल और टॉयलेट गिरता था.

2011 में ट्रेन में लगना शुरू हुआ बायो टॉयलेट

साल 2011 में पहली बार ट्रेन में बायो टॉयलेट का इस्तेमाल किया गया.

अब पटरी पर नहीं गिरता मल

अब शायद ही कोई ट्रेन बची हो, जिसमें किया गया मल और टॉयलेट पटरी पर गिरता हो.

तो कहां जाता है टॉयलेट और मल

आपके दिमाग में एक सवाल उठता होगा कि अगर पटरी पर नहीं गिरता तो मल और टॉयलेट तो कहां जाता है.

शौचालय के नीचे लगी होती है ये खास चीज

बता दें कि ट्रेन के शौचालय के नीचे बायो डाइजेस्टर कंटेनर लगा होता है.

कंटेनर में होते हैं एनेरोबिक बैक्टीरिया

इन बायो डाइजेस्टर कंटेनर में एनेरोबिक बैक्टीरिया होते हैं.

गैस में बदल देते हैं मल और टॉयलेट

ये एनेरोबिक बैक्टीरिया यात्री द्वारा किए गए मल और टॉयलेट को गैस में बदल देते हैं.

VIEW ALL

Read Next Story