सांप से क्यों डरते हैं इंसान? इसके पीछे है वैज्ञानिक कारण

क्यों लगता है सांपों से डर?

दुनिया के ज्यादातर लोगों को सांपों से डर लगता है. असल में, सांप, मकड़ी और दूसरे रेंगने वाले जीवों से डरना हर जगह पाया जाता है.

बायोलॉजिकल प्रिपेयर्डनेस

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इंसानों में जन्म से ही सांपों से डरने की सीख लेने की एक खासियत होती है, जिसे "बायोलॉजिकल प्रिपेयर्डनेस" (Biological Preparedness) कहते हैं.

40-60 करोड़ साल पहले

रिसर्च करने वाले बताते हैं कि ये डर हमारे अंदर बहुत गहराई से बैठा हुआ है, जो शायद हमारे 40-60 करोड़ साल पहले रहने वाले पूर्वजों से हमें मिला है.

क्या कहता है इतिहास?

इतिहास बताता है कि जहरीले सांपों से सामना इंसानों के लिए जानलेवा साबित होता था, जिस वजह से इंसान जल्दी सीख लेते थे कि सांपों से डरना चाहिए.

आनुवंशिकता

इस तरह से ये डर उनकी आनुवंशिकता में शामिल हो गया.

शरीर में गिनगिनाहट

नतीजतन, सांपों को देखते ही हमारे शरीर में तनाव की प्रतिक्रिया होती है.

सांपों की लोक-कथाएं

कहानियां, लोक-कथाएं और सांस्कृतिक मान्यताएं भी सांपों को खतरनाक, बुराई और डर के प्रतीक के रूप में दिखाती हैं.

सांप जैसी आकृतियों से डर

2013 के एक स्टडी में पाया गया कि हमारा दिमाग बचपन से ही सांप जैसी आकृतियों से डरने के लिए तैयार किया गया है.

सांप की शारीरिक बनावट

सांपों की कुछ खास शारीरिक बनावट भी उनके डर को बढ़ा देती हैं.

घूरने की आदत से डर

उनका लंबा, पतला शरीर, जो अक्सर खाल से ढका होता है और उनकी बिना पलक झपकाए घूरने की आदत हमें अजीब और डरावनी लगती है.

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