झटपट बनने वाली सबकी पसंदीदा नूडल्ड का नाम क्यों पड़ा मैगी, क्या है इतिहास?

Arti Azad
Sep 23, 2023

Maggi Noodles History:

विज्ञापनों की देन से आज हर कोई दो मिनट में तैयार होने वाले 'मैगी' से परिचित है. यह न केवल बच्चों, बल्कि बड़े-बुजुर्गों की भी पसंदीदा है.

कॉन्सेप्ट ऑफ नूडल्स

हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि 'मैगी' को पहली बार कब और कहां बनाया गया था और इसे 'दो मिनट' में बनने वाले नूडल्स का सिद्धांत किसने दिया?

Julius Maggi

स्विट्जरलैंड के व्यवसायी और आविष्कारक जूलियस मैगी ने 1872 में अपनी कंपनी का नाम 'मैगी' रखा था. बता दें कि 'मैगी' नूडल्स का आविष्कार मजबूरी में करना पड़ा था.

औद्योगिक क्रांति का दौर

इतिहास के मुताबिक वह स्विट्जरलैंड में औद्योगिक क्रांति का दौर था. तब महिलाओं को कारखानों में लंबे समय तक काम करने के बाद घर जाकर खाना बनाना पड़ता था.

ऐसे मुश्किल समय में 'स्विस पब्लिक वेलफेयर सोसाइटी' ने समय बचाने के उद्देश्य से जूलियस मैगी की मदद ली थी.

कैसे मिला मैगी नाम?

जूलियस ने अपने उपनाम पर उत्पाद का नाम रखा. उनका पूरा नाम जूलियस माइकल जोहान्स मैगी था. 'मैगी' नूडल्स को 1897 में जर्मनी में पहली बार पेश किया गया था.

मैगी काे आविष्कारक?

शुरुआत में जूलियस का व्यवसाय प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ और बना-बनाया सूप बनाना था. उनके एक चिकित्सक मित्र फ्रिडोलिन शुलर ने उन्हें नूडल्स बनाने में बहुत मदद की जिसे बनाने में केवल दो मिनट काफी थे.

जूलियस मैगी का निधन

1912 तक 'मैगी' संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस तक पहुंच गई थी, लेकिन तभी जूलियस मैगी का निधन हो गया.

नेस्ले कंपनी

इसके बाद साल 1947 में नेस्ले कंपनी ने 'मैगी' का बिजनेस खरीदा. इसके बाद जबरदस्त ब्रांडिंग और मार्केटिंग ने मैगी को हर रसोई तक पहुंचा दिया.

भारत में एंट्री और लोकप्रियता

'मैगी' को भारतीय बाजार में दाखिल हुए 37 साल हो चुके हैं. नेस्ले इंडिया लिमिटेड कंपनी ने 1984 में भारत में इसे लॉन्च किया था. वास्तव में स्विस कंपनी नेस्ले का सहयोगी ब्रांड है, लेकिन ज्यादातर लोग नेस्ले को मेन ब्रांड मानते हैं.

शहरी लोगों के लिए सबसे अच्छा स्नैक ऑप्शन

समय के साथ भारतीयों की जीवन शैली बदलने लगी. साल 1999 के बाद 'मैगी' हर रसोई की जरूरत बन गई, क्योंकि इसे केवल दो मिनट में बनाया जा सकता था.

VIEW ALL

Read Next Story