पिता के प्यार पर लिखे गए खूबसूरत शेर!

Zee News Desk
Oct 06, 2023

मेराज फैजाबादी

हमें पढ़ाओ न रिश्तों की कोई और किताब, पढ़ी हैं बाप के चेहरे की झुर्रियां हमने

इफ्तिखार आरिफ

बेटियां बाप की आंखों में छुपे ख्वाब को पहचानती हैं, और कोई दूसरा इस ख्वाब को पढ़ले तो बुरा मानती हैं

मुनव्वर राना

ये सोच के मां-बाप की खिदमत में लगा हूं, इस पेड़ का साया मेरे बच्चों को मिलेगा

मेराज फैजाबादी

मुझको थकने नहीं देता ये जरूरत का पहाड़, मेरे बच्चे मुझे बूढ़ा नहीं होने देते

साजिद जावेद साजिद

घर की इस बार मुकम्मल मैं तलाशी लूंगा, गम छुपा कर मिरे मां-बाप कहां रखते थे

सरफराज नवाज

बाप जीना है जो ले जाता है ऊंचाई तक, मां दुआ है जो सदा साया-फिगन रहती है

मुईन शादाब

वो वक्त और थे कि बुजुर्गों की कद्र थी, अब एक बूढ़ा बाप भरे घर पे बार है

अफजल खान

देर से आने पर वो खफा था आखिर मान गया, आज मैं अपने बाप से मिलने कब्रिस्तान गया

VIEW ALL

Read Next Story