'दिल टूटे आशिकों' के लिए साहिर लुधियानवी के ये उम्दा शेर!

Zee News Desk
Sep 16, 2023

वो अफ्साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन उसे इक खूबसूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा

देखा है जिंदगी को कुछ इतने करीब से चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से

अपनी तबाहियों का मुझे कोई गम नहीं तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी

मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया

तुम हुस्न की खुद इक दुनिया हो शायद ये तुम्हें मालूम नहीं महफिल में तुम्हारे आने से हर चीज पे नूर आ जाता है

वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बर्बाद किया है इल्जाम किसी और के सर जाए तो अच्छा

बर्बादियों का सोग मनाना फुजूल था बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया

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