कैसा दिखता था महाभारत में अर्जुन को टक्कर देने वाला कर्ण, AI ने दिखाई तस्वीर

सूर्यदेव की कृपा से अविवाहित कुंती ने दिव्य कवच-कुंडलों से युक्त एक बच्चे को जन्म दिया था जिसका नाम कर्ण था लेकिन समाज के डर से कुंती ने कर्ण को गंगा में प्रवाहित कर दिया.

महाभारत के सबसे बड़े शूरवीर योद्धाओं में कर्ण का नाम लिया जाता है. भगवान कृष्ण भी कर्ण की वीरता की प्रसंशा करते थे और उसे महान योद्धा बताते थे.

कर्ण को महाभारत का सबसे बड़ा दानवीर भी कहा जाता है जिसने देवराज इंद्र को अपने चमत्कारी कवच-कुंडल दान कर दिए थे और अपनी माता कुंती को 5 पुत्रों के जीवन का दान दिया था.

भगवान कृष्ण ने एक बार कर्ण की परीक्षा लेनी चाही, तब युद्ध क्षेत्र में आखिरी सांस लेते हुए भी कर्ण ने अपना सोने का दांत दान में भगवागन कृष्ण को दे दिया था.

दानवीर कर्ण को अपने गुरु भगवान परशुराम से शिक्षा और श्राप दोनों ही मिला था. परशुराम ने कर्ण को श्राप दिया था कि जब उसे उनके द्वारा दी गई शिक्षा की सबसे ज्यादा जरुरत होगी तब कर्ण उसे भूल जाएगा.

आपको बता दें कि कर्ण को कई और नामों से जाना जाता था. कर्ण स्वंय का राधेय कर्ण कहकर परिचय देता था.

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