उत्तराखंड की इस गुफा में मौजूद है गौरी पुत्र गणेश का काटा हुआ सिर!

Saumya Tripathi
Sep 11, 2024

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन महादेव पुत्र गणेश जी को समर्पित है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव ने गणेश जी का सिर काटा था वो कहां है.

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में ऐसी गुफा पाताल भुवनेश्वर के नाम से जानी जाती है. तो चलिए जानते हैं इस गुफा के बारे में...

ये गुफा पहाड़ के करीब 90 फीट अंदर है. यहां विराजित गणेशजी की मूर्ति को आदिगणेश के नाम से जाना जाता है.

मान्यता है कि इस गुफा की खोज 1191 ई. में आदिशंकराचार्य द्वारा की गई थी. इसका वर्णन स्कंद पुराण के मानस खंड में किया गया है.

पाताल भुवनेश्वर गुफा में चार युगों का प्रतीक के रूप में चार पत्थर मौजूद हैं.इनमें से एक पत्थर धीरे धीरे उपर उठ रहा है, उस पत्थर को कलयुग का प्रतीक माना जाता है.

यह पत्थर एक हजार साल में एक बढ़ता है. बताया जाता है कि जिस दिन यह पत्थर दीवार से टकरा जाएगा, उस दिन कलियुग का अंत हो जाएगा.

पाताल भुवनेश्वर गुफा के बारे में बताया जाता है कि यहां भगवान गणेश और शिव के साथ तैंतीस कोटि देवी देवता विराजमान हैं.

पाताल भुवनेश्वर गुफा में काल भैरव जीभ के भी दर्शन होते हैं. मान्यता है कि काल भैरव के मुंह से गर्भ में प्रवेश कर उसके अंत तक यानी पूंछ तक पहुंच जाएं तो उसको मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है.

इस ब्रह्मकमल से भगवान गणेश के मस्तक पर जल की दिव्य बूंद टपकती है. मुख्य बूंद आदि गणेश के मुख पर गिरती दिखाई देती है.मान्यता है गुफा में मौजूद ब्रह्मकमल भगवान शिव ने ही स्थापित किया था.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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