कुंभ के बाद कहां रहते हैं नागा साधु? क्या खाते हैं, जानिए सब कुछ

Rachit Kumar
Jun 23, 2024

नागा साधुओं का जीवन बेहद ही रहस्यमयी होता है. ये किसी आश्रम, मंदिर या अखाड़े से जुड़े होते हैं.

ये लोग समूहों में रहते हैं और तपस्या के लिए गुफाओं या फिर हिमालय में चले जाते हैं.

लेकिन ये नागा साधु खाते क्या हैं और इनका जीवन कैसा होता है, चलिए आपको बताते हैं.

नागा साधुओं को अर्धकुंभ, कुंभ में आपने भभूत लपेटे और नाचते-गाते देखा होगा. ये कुछ घूमते रहते हैं

ये लोग एक जगह नहीं रहते. ये एक गुफा से दूसरी गुफा में चले जाते हैं. ये निर्वस्त्र या संन्यासी भेष धारण कर भी गुप्त स्थानों पर तपस्या करते हैं.

ये लोग कंदमूल, पत्तियों, फूल या जड़ी-बूटी खाकर अपना गुजारा करते हैं. नागा साधु अपनी पहचान छिपाकर रखते हैं.

नागा साधु जमीन पर ही सोते हैं. ये खाट, पलंग या कृत्रिम पलंग पर भी नहीं हो सकते. ऐसा करना इनके लिए वर्जित है.

नागा साधु पूरे दिन में एक ही बार भोजन करते हैं. इसके लिए भी उनको भिक्षा मांगनी पड़ती है. एक नागा साधु 7 घरों तक ही भिक्षा मांग सकता है.

भिक्षा में उसको जो भी मिले, उसे वही खाना पड़ता है, चाहे उसको पसंद हो या ना हो.

अगर उसे भिक्षा ना मिले तो भूखे रहना पड़ता है. जब अर्धकुंभ, कुंभ का आयोजन होता है तो ये रहस्यमयी तरीके से उस जगह पर पहुंच जाते हैं.

जो नागा अखाड़ों से जुड़े होते हैं, वे गुजरात, काशी, हिमालय और उत्तराखंड में रहते हैं.

नीलकंठ के रास्ते पर काफी मठ और मंदिर नजर आते हैं, इन पहाड़ों पर नागा भी रहते हैं.

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