आखिर कैसे हुआ गांधारी के 100 पुत्रों सहित दुर्योधन का जन्म?

Zee News Desk
Jul 03, 2024

गांधारी को ये बात पता था कि सबसे पहले जन्म लेने वाला पुत्र ही हस्तिनापुर का राज्य संभालेगा.

पाण्डु की पत्नी कुंती एक देवपुत्र से गर्भवती थी. गांधारी भी धृतराष्ट्र के पुत्र से गर्भवती थी.

गांधारी का गर्भ बड़ा ही कष्टदायी था. जिस दिन गांधारी का प्रसव हुआ जो उनकी गर्भ से निकला वो कोई बालक नहीं बल्कि एक निर्जीव मांस का टुकड़ा था.

गांधारी ये सब देखकर निराश हो गई क्योंकि उन्हें वेद व्यास से 100 पुत्र होने का वरदान मिला था.

फिर गांधारी अपने दासी को बुलाकर कहती है कि वो इस मांस के टुकड़े को वन में फेक आए.

राजमहल के एक कक्ष में जाकर वेद व्यास ने उस मांस के टुकड़े को 100 हिस्से में बांटकर दासी से कहते है की 101 कलश तेल भरकर हर एक में एक एक टुकड़ा डाल दो.

इन्ही कलश में कुरु वंश का भविष्य पलना शुरू हो गया. हर एक घड़े के टूटने पर एक पुत्र का जन्म हुआ. सबसे पहले धृतराष्ट के सबसे बड़े पुत्र दुर्योधन का जन्म हुआ.

डिसक्लेमर- यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं और धर्मग्रंथों पर आधारित है. यह जानकारी Zee News की राय नहीं है.

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