आखिर भगवान शिव ने क्यों धारण की बाघ की खाल, क्या है इसके पीछे का रहस्य

देवों के देव महादेव को अपने गले में सांप और शरीर पर बाघ की खाल पहनें ही देखा होगा.

गले मे सांप के बारे में तो कहा जाता है कि यह वासुकी नाग हैं, जिन्हें शिवजी ने धारण किया हुआ है.

शरीर पर बाघ की खाल को लेकर बहुत से लोगो को सही जानकारी नही है.

अगर आपको भी बाघ की खाल के पीछे का रहस्य नही पता, तो आज हम आपको इसके पीछे जुड़ी रोचक पौराणिक कथा के बारे में बतायेंगे.

जब भगवान विष्णु ने हिरण्याकश्यिप का वध करने के लिए नरसिंह अवतार धारण किया था, तब वे आधे नर और आधे सिंह के रूप में में थे.

हिरण्याकश्यिप का वध करने के बाद भगवान नरसिंह बेहद क्रोध में थे.

शिवजी ने अपने अंश को उत्पन्न किया जिसका नाम वीरभद्र था, तब उन्होंने नरसिंह अवतार से प्रार्थना की कि वो अपना क्रोध त्याग दें.

इसके बाद भी नरसिंह नहीं माने तब शिवजी के अंश वीरभद्र ने शरभ का रूप लिया, यह गरुड़, सिंह और मनुष्य का मिश्रित रूप था.

शरभ ने नरसिंह भगवान को अपने पंजे से उठा लिया, औऱ उनपर अपनी चोंच से वार करने लगें.

नरसिंह भगवान नें तब भगवान शिव से निवेदन किया कि वे अपने आसन के रूप में नरसिंह की खाल को स्वीकार करें.

ऐसा माना जाता है कि शिव जी के शरीर में नरसिंह भगवान मिल गए,और शिव जी ने इनकी खाल को अपना आसन और वस्त्र बना लिया.

Disclaimer:

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.

VIEW ALL

Read Next Story