गीता के ये 8 उपदेश बदल देंगे आपका जीवन जीने का तरीका

Gurutva Rajput
May 15, 2024

बीते कल और आने वाले कल की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जो होना है वही होगा. जो होता है, अच्छा होता है, इसलिए वर्तमान का आनंद लेना चाहिए.

परिवर्तन संसार का नियम है. सब कुछ बदलता रहता है इसलिए सुख-दुःख, लाभ-हानि, जय-पराजय, मान-अपमान आदि में भेदों में एक भाव में स्थित रहकर हम जीवन का आनंद ले सकते हैं.

गीता के अनुसार अपने क्रोध पर काबू रखना चाहिए, क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भ्रम से बुद्धि विचलित होती है. क्रोध, कामवासना और भय ये मनुष्य के शत्रु हैं.

भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि कभी भी किसी काम को टालना नहीं चाहिए. निश्चित समय से काम को पूरा कर लेना चाहिए. इससे हमेशा सफलता की प्राप्ति होती है.

गीता में कहा गया है कि यदि व्यक्ति का कर्म सही दिशा में हो तो वह बड़ी से बड़ी परेशानी का सामना भी आसानी से कर लेता है और कभी भी असफलता हासिल नहीं करता है.

गीता के अनुसार डर लगने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन उस डर को कभी भी खुद पर हावी न होने दें. खुद पर काबू रखकर ही सफलता को पाना संभव है.

गीता के अनुसार, जो भी व्यक्ति अपने गुणों और कमियों को जान लेता है वह अपने व्यक्तित्व का निर्माण कर सफलता प्राप्त कर सकता है.

गीता के अनुसार, जिस व्यक्ति ने अपने मन पर काबू पा लिया नियंत्रण करने की कला सीख लिया हैं तो वह मन में पैदा होने वाली बेकार की चिंताओं और इच्छाओं से भी दूर रहता है.

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