अमर हैं महाभारत के ये पात्र, अभी भी जिंदा होने का लोग करते हैं दावा!

Zee News Desk
Jul 20, 2024

महर्षि वेदव्यास

ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेदव्यास महाभारत युद्ध के बाद हिमालय पर्वत की तरफ चले गए थे, जो कलयुग के बाद कल्कि काल तक जिंदा रहेंगे. गणेशजी ने वेद्वास के कहने पर ही महाभारत लिखी थी.

महर्षि परशुराम

परशुराम का जिक्र रामायण के पहले से होता रहा है. महाभारत में परशुराम का वर्णन भीष्म के गुरू के रूप में है. कठोर तपस्या से खुश होकर विष्णु भगवान ने उन्हें कल्कि काल के अंत तक जीवित रहने का वरदान दिया था.

महर्षि दुर्वासा

महाभारत में महर्षि दुर्वासा का वर्णन एक क्रोधित ऋषि के रूप में हुआ है. दुर्वासा ने श्री कृष्ण के पुत्र सांब को श्राप भी दिया था. महर्षि दुर्वासा को अमर होने का वरदान प्राप्त था.

जामवन्त

रामायण काल में जामवंत श्री राम के साथ थे. महाभारत के समय उनकी बेटी जामवन्ती का विवाह श्रीकृष्ण से हुआ, जिसके संयोग से सांब का जन्म हुआ था. जामवन्त को भी दीर्घायु होने का वरदान प्राप्त है.

अश्वत्थामा

अश्वत्थामा को श्रीकृष्ण ने 3 हजार वर्षों तक शरीर के साथ भटकने का श्राप दिया था. हालांकि इसमें कोई पुष्टि नहीं कर सकता कि वो अभी भी जिंदा हैं या नहीं.

कृपाचार्य

कृपाचार्य रिश्ते में अश्वत्थामा के मामा थें. इसके साथ वें कौरवों के कुलगुरू भी थें. चिरंजीवी लोगों में कृपाचार्य समेत 7 लोग शामिल हैं.

ऋषि मार्कण्डेय

ऋषि मार्कण्डेय भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थें. मार्कण्डेय ऋषि को शिवजी ने अमर होने का वरदान दिया था.

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