महिला नागा साधु कैसे बनती हैं? केवल इस समय देती हैं दर्शन

Shraddha Jain
Jun 20, 2024

पुरुष नागा साधु की तरह महिला नागा साधु भी होती हैं. महिला नागा साधु बनने के लिए उन्‍हें कठिन तप से गुजरना होता है.

उन्‍हें जीते जी अपना पिंडदान करना पड़ता है. अपना सिर मुंडवाना पड़ता है.

वे नागा साधुओं की तरह निर्वस्‍त्र नहीं रहती हैं, बल्कि गेरुए रंग का एक वस्‍त्र धारण करती हैं. माथे पर तिलक लगाती हैं.

महिला नागा साधु दुनिया से दूर पहाड़ों, गुफाओं और जंगलों में रहकर हमेशा भगवान की भक्ति में लीन रहती हैं.

वे केवल महाकुंभ जैसे खास मौकों पर ही पवित्र नदियों में स्‍नान करने के लिए दुनिया के सामने आती हैं.

यही वजह है कि नागा साधुओं में महिला नागा साध्वियों के दर्शन विरले ही होते हैं. महिला नागा साधु की फोटो भी कम ही हैं.

महिला नागा साधुओं का जीवन बेहद कठिन होता है. कई साल कठिन तप करने के बाद ही गुरु इन्‍हें दीक्षा देती हैं.

अखाड़े की महिला नागा साधुओं को माई, अवधूतानी या नागिन कहकर बुलाया जाता है.

(Dislaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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