चुनौतियों से हैं परेशान तो नोट करें भगवान श्रीराम की ये 7 बातें, कामयाबी चूमेगी कदम
Vinay Trivedi
Nov 06, 2023
संघर्ष से भरी थी भगवान श्रीराम की जिंदगी
भगवान श्रीराम करोड़ों लोगों को आराध्य हैं. लेकिन जब श्रीराम ने इंसान के रूप में धरती पर अवतार लिया तो मानवों की तरह ही दुख सहे. तमाम चुनौतियों का सामना किया. लीला करके हमें सिखाया कि समस्याएं कितनी भी आएं, डरना नहीं है. संघर्ष करके उनसे पार पाना है.
भगवान श्रीराम से क्या-क्या सीख सकते हैं?
हो सकता है कि आप ये सोचते हों कि आपकी जिंदगी में बहुत परेशानियां हैं. लेकिन अगर आप भगवान श्रीराम का जीवन देखें तो पाएंगे कि उनका राजतिलक होने ही वाला था, तभी वनवास हो गया. फिर वनवास के आखिरी साल पत्नी का हरण हो गया. माता सीता को रावण से छुड़ाने के लिए बिना सेना के ही वो चल दिए थे. और बाद में लोग जुड़ते गए और फिर जाकर रावण संहार हुआ. आइए जानते हैं, हम श्रीराम से क्या-क्या सीख सकते हैं.
शांत रहना सीखें
भगवान श्रीराम से पहली चीज तो आप ये सीख सकते हैं कि शांत रहना है. कैसी भी सिचुएशन आ जाए लेकिन पैनिक नहीं होना है. शांति से सभी समस्याओं का हल किया जा सकता है.
बड़ों का सम्मान करना
हम सभी को भगवान श्रीराम की तरह अपने बड़ों का सम्मान करना चाहिए. आप भगवान श्रीराम की जिंदगी देखेंगे तो पाएंगे कि वे हमेशा अपने माता-पिता, गुरु और अन्य बड़े लोगों का सम्मान करते थे.
वचन को निभाना
रामचरितमानस में चौपाई है कि 'रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई'. भगवान श्रीराम की तरह हमें भी अपना वचन जरूर निभाना चाहिए. कभी किसी से झूठा वादा नहीं करना चाहिए.
एक सच्चा दोस्त बनना है जरूरी
भगवान श्रीराम की तरह हमें एक सच्चा दोस्त बनना चाहिए. सुग्रीव, बाली से कमजोर थे. बाली के डर के मारे रावण, सीता जी को मुक्त करने के लिए राजी भी हो जाता. लेकिन श्रीराम ने अपने मित्र सुग्रीव का ही साथ दिया. अपनी दोस्ती निभाई.
जीत मिलने तक ना मानें हार
सीता जी के हरण के बाद भगवान श्रीराम का एक ही मकसद था कि अत्याचारी रावण संहार करना है. धर्म की स्थापना करनी है. एक तरफ रावण के पास राक्षसों की बड़ी सेना और वह खुद भी बहुत ताकतवर था. दूसरी तरफ, भगवान श्रीराम के पास ना सेना थी और ना ही समुद्र पार लंका जाने का कोई रास्ता. लेकिन भगवान श्रीराम ने हार नहीं मानी और संघर्ष किया. धीरे-धीरे सभी रास्ते खुल गए.
बड़ी चुनौती देखकर ना डरें
भगवान श्रीराम की तरह हमें कभी भी बड़ी चुनौती देखकर डरना नहीं चाहिए. चाहे सामने 14 साल तक जंगल में रहने की चुनौती हो और चाहे विशाल समुद्र पार करके राक्षसों के राजा रावण से लड़ने की. कभी भी घबराना नहीं चाहिए.
कैरेक्टर हमेशा साफ रखें
भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है. भगवान श्रीराम चरित्रवान थे. भगवान श्रीराम की तरह आपको भी कभी किसी के साथ बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए. अपनी इंद्रियों को हमेशा काबू में रखना चाहिए. अच्छे आचरण को कभी नहीं छोड़ना चाहिए.