पांडु को मिला था नि:संतान होने का श्राप, फिर कैसे पैदा हुए 5 पांडव?
Shraddha Jain
May 12, 2024
पांडवों के पिता पांडु को श्राप मिला था कि जब भी वो किसी स्त्री के करीब जाएंगे उनकी मृत्यु हो जाएगी.
एक बार वन में मृग का शिकार करने गए पांडु का बाण गलती से एक ऋषि को लग गया था, जो कि अपनी पत्नी से प्रेम कर रहे थे. इसी कारण उन्होंने पांडु को यह श्राप दे दिया था.
मृत्यु के डर से पांडु अपनी पत्नी कुंती और माद्री के करीब ही नहीं गए. बल्कि उनका मन ही दुनिया से ऊब गया और वे राजपाट छोड़कर वन चले गए.
पांडु के साथ उनकी पत्नियां भी वन चली गईं. एक दिन वन में जानवर के शिशु को पांडु व्यथित होकर देख रहे थे. कुंती पांडु के नि:संतान रहने का दुख समझ गईं.
तब कुंती ने ऋषि दुर्वासा द्वारा दिए गए मंत्रों से पुत्रों को जन्म देने का फैसला किया. इसी मंत्र से उन्होंने विवाह से पहले सूर्यपुत्र कर्ण को जन्म दिया था.
कुंती ने इस मंत्र के जरिए युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन को जन्म दिया. वे माद्री के मां ना बन पाने के दुख को महसूस कर रही थीं.
तब उन्होंने वह मंत्र माद्री को भी दे दिया. इससे माद्री ने नकुल और सहदेव को जन्म दिया.
इस तरह पांडु श्राप के बाद भी 5 पांडवों के पिता बन पाए, जिन्होंने धर्म की राह पर चलते हुए महाभारत युद्ध में कौरवों का विनाश कर जीत हासिल की.