पितृपक्ष में आखिर चावल से ही क्यों होता है पिंड दान? जानें इसके पीछे की वजह

Zee News Desk
Sep 27, 2024

मृत्यु

हिंदू धर्म में जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, उसे पितृ कहा जाता है.

हिंदू धर्म

हर साल पितृपक्ष के समय हिंदू धर्म के लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा अर्चना, धार्मिक अनुष्ठान और पिंड दान करते है.

पिंडदान

पितृ पक्ष में पिंडदान का विशेष महत्व है, जिन लोगों के मां, बाप, भाई और पत्नी नहीं होती, वे लोग पिंडदान करते हैं.

आत्मा

ऐसी मान्यता है कि पिंडदान करने से मृत लोगों की आत्मा को शांति और पोषण मिलता है.

खोया

पिंडदान 2 भोज्य पदार्थों से होता है, पहला खोया और दूसरा चावल.

चावल

चावल से पिंडदान करने का मुख्य कारण ये है कि चावल को अक्षत माना जाता है, जो कभी खत्म नहीं होती और ना ही खंडित होती है, इसके अलावा इसे शुद्ध भी माना जाता है.

तासीर ठंडी

चावल की तासीर ठंडी होती है. ऐसा माना जाता है कि चावल के पिंड को दान करने से पितरों लंबे समय तक शीतलता मिलती है और वह संतुष्ट रहते हैं.

चंद्रमा

चावल का संबंध चंद्रमा से जोड़ा जाता है. ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा के माध्यम से ही पितरों को पिंड मिलता है.

डिसक्लेमर

यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स, प्रवचनों, धार्मिक मान्यताओं और धर्मग्रंथों पर आधारित है. यह जानकारी जी न्यूज की राय नहीं है.

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