ज्योतिष में एक तरफ जहां शनि ग्रह को क्रूर ग्रह के रूप में देखा जाता है, तो वहीं शनि देव न्यायप्रधान देवता भी कहलाते हैं.

Zee News Desk
May 19, 2023

शनि देव अपने भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार ही शुभ और अशुभ फल देते हैं. शनिवार के दिन शनि देव की पूजा जरूर करनी चाहिए.

जिन भक्तों को शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है वह रंक से भी राजा बन जाता है.और उसके जीवन के सारे कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं.

शनि देव को प्रसन्न रखने के लिए कुछ विशेष मंत्रों करने से कुंडली में शनि ग्रह शांत होते हैं और शनि की साढ़े साती व ढैय्या का प्रभाव कम होता है.

शनि बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

सामान्य मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः।

शनि महामंत्र- ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

शनि का वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

शनि गायत्री मंत्र­- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।

तांत्रिक शनि मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

शनि दोष निवारण मंत्र- ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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