नवरात्रि में अष्टमी और नवमी पर क्यों करते हैं कन्या पूजन? जाने इसके पीछे का महत्व

Zee News Desk
Oct 08, 2024

नवरात्रि के अंतिम दो दिन यानी अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन का बहुत महत्व होता है. माना जाता है कि इस दिन मनुष्य के सारे पाप मिट जाते है.

कन्या पूजन

कन्या पूजन नवरात्रि के समापन पर देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक होता है. इसमें लोग छोटी लड़कियों को घरों में बैठकर मां का भोग लगाते है और वस्त्र आदि भेट करते है.

मोक्ष की प्राप्ति

अष्टमी नवमी पर कन्या करने से घर में सुख शांति बनी रहती है और देवी की पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

कन्या पूजन की विधि

घर में छोटी लड़कियों को आसन पर बैठा के सबसे पहले उनके पैर धोए जाते है. फिर उन्हें चंदन, कुमकुम, और पुष्प से पूजित किया जाता है.

मां का भोग

अष्टमी नवमी पर मां दुर्गा के लिए हलवा, पूरी, सब्जी,काले चने और अन्य पकवान बनाते है. पूजा करने और मां को भोग लगाने के बाद कन्याओं को वस्त्र, आभूषण या धन देकर विदा किया जाता है.

कन्या पूजन का महत्व

नौ दुर्गों में मां की पूजा के साथ-साथ नारी जाति की भी पूजा की जाती है. यह पूजा स्त्री शक्ति के जीवन की सृजनकर्ता और पालनकर्ता को दर्शाता है.

कन्या खिलाने से लाभ

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि में कन्या पूजन करने से मां प्रसन्न होती है. साथ ही घर में सुख, समृद्धि, संतान प्राप्ति और धन की वर्षा होती है.

Disclaimer

प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी इससे जुड़ा पढ़ें तो उससे पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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