वाराणसी से गंगाजल को घर क्यों ले जाना है वर्जित, जगद्गुरु शंकराचार्य जी ने बताया रहस्य
Zee News Desk
Oct 06, 2024
क्या आप जानते हैं कि बनारस से गंगाजल को घर ले जाना वर्जित माना जाता है?
सनातन धर्म की सबसे बड़ी पदवी पर बैठे महंत शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद जी ने इसका बड़ा सटीक उत्तर दिया है.
मोक्ष की नगरी
काशी को मोक्ष की नगरी कहा जाता है. यहां पर लोग दूर दूर से अपने शरीर का त्याग करने आते हैं. जिनकी इस धरती पर मृत्यु होती है, उन्हें सीधा मोक्ष की प्राप्ति होती है.
जीव की इच्छा
माना जाता है कि महादेव की इच्छा से ही काशी में जीव आते और जाते हैं. यहां पर जीव को उसकी इच्छा के बगैर कहीं नहीं जाने दिया जाता.
स्वतंत्रता
जीव की स्वतंत्रता पर काशी के धरती ने हमेशा महत्व दिया है. इसीलिए अगर कोई काशी में आया है तो उसकी मर्जी के बिना बाहर ले जाना बड़ा पाप माना जाता है.
गंगाजल में कीटाणू
हिमालय की चोटियों से निकली गंगा बनारस तक का सफर तय करते हुए कई जीवाणुओं को काशी तक लाती है.
अगर आप काशी का गंगाजल अपने घर लेकर जाते हैं, तो आपको उन जीवाणुओं को विस्थापित करने का पाप लगेगा.
इसी कारण से काशी से गंगाजल को ले जाना वर्जित माना गया है.
Disclaimer
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