बाबा नीम करोली धाम के मंदिर की हर ईट पर है इस भगवान का नाम

Zee News Desk
Nov 22, 2024

आज के आधुनिक समय में बाबा नीम करोली धाम के चाहने वाले देश में ही नहीं विदेश में भी मौजूद हैं

उनकी भक्ति करने लोग दूर-दराज से नीम करोली धाम पहुंचते है, आज हम बताएंगे उनके धाम का निर्माण कैसे हुआ

10 सितंबर 1973 को बाबा नीम करोली धाम का स्वर्गवास हो गया था, जिसके बाद उनके भक्तों ने अस्थियों सहित कलश उनके धाम पर स्थापित कर दिया

उसके बाद बिना किसी डिजाइन के उनके मंदिर का निर्माण शुरू हुआ और बाबा के सभी भक्तों ने स्वेच्छा सहयोग किया

मंदिर के निर्माण में लगे मिस्त्री और मजदूरों में स्नान करने के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करके 'महाराज की जय' बोलने के बाद कार्य को प्रारंभ कर दिया

निर्माण काम चलने के साथ-साथ भक्तों ने हनुमान चालीसा का पाठ जारी रखा, माताओं ने ईट पर राम-राम लिखकर श्रमिकों को दिया

उसके बाद 15 जून 1976 का दिन आया जब मूर्ति की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा का दिन आया, आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन बाबा ने ही 15 जून का दिन तय किया था

मंत्रों और पूजा विधि-विधान के साथ महाराज के धाम के प्राण-प्रतिष्ठा की गई और मूर्ति स्थापित की गई, इसके साथ ही मूर्ति रूप में महाराज जी विराजमान हुए

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