पुरी के जगन्‍नाथ मंदिर के ये रहस्‍य विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया आज तक

ओडिशा के शहर पुरी में स्थित भगवान जगन्‍नाथ का मंदिर विश्‍वप्रसिद्ध है. भगवान जगन्‍नाथ भगवान विष्‍णु के अवतार हैं.

800 साल से ज्‍यादा पुराने इस जगन्‍नाथ मंदिर से जुड़े कई रहस्‍य मशहूर हैं.

इस मंदिर से जुड़े कई चमत्‍कार ऐसे हैं जिन्‍हें आज भी विज्ञान नहीं सुलझा पाया है. आइए ये रहस्‍य जानते हैं.

जगन्‍नाथ मंदिर का झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में लहराता है. यानी कि झंडा हवा के रूख से उल्‍टी दिशा में होता है.

जगन्‍नाथ मंदिर के किचन में मिट्टी के 7 बर्तन एक के ऊपर एक रखे जाते हैं और सबसे पहले सबसे ऊपर के बर्तन का खाना पकता है.

इस मंदिर में कभी भी भक्‍तों के लिए भोजन प्रसादी कम नहीं पड़ती है, ना ही बचती है. चाहे कितने भी भक्‍त आएं प्रसाद पूरा पड़ता है.

214 फीट ऊंचे जगन्‍नाथ मंदिर की परछाई नहीं बनती है. इस मंदिर के शिखर की छाया अदृश्‍य रहती है.

हर 12 साल में मंदिर की मूर्तियां बदली जाती हैं. इस दौरान पुरानी मूर्ति से ब्रह्म पदार्थ निकालकर नई मूर्ति में रखते हैं. कहा जाता है कि यह भगवान का हृदय है जो आज भी धड़कता है.

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