बदलने वाली है यूपी के इन धार्मिक स्थलों की सूरत, योगी सरकार ने उठाया ये कदम
Devinder Kumar
Nov 22, 2023
आध्यात्म में अव्वल यूपी
तीर्थांटन के लिहाज से यूपी काफी समृद्ध रहा है. यहां पर काशी, प्रयागराज, मथुरा-वृंदावन, अयोध्या, मिर्जापुर, गोरखपुर, चित्रकूट, नैमिषारण्य और देवीपाटन जैसे प्रमुख तीर्थस्थल हैं.
तीर्थों का सौंदर्यीकरण
प्रदेश में अब उन धार्मिक, आध्यात्मिक व ऐतिहासिक महत्व वाले स्थलों को भी सौंदर्यीकरण व विकास कार्यों के लिए वरीयता जा रही है, जो कई वर्षों से इस प्रक्रिया से वंचित रहे हैं.
UPSTDC कर रही काम
इसके लिए पर्यटन विभाग ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जिसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (UPSTDC) ने शुरू कर दी है.
मंदिरों का पुनरुद्धार
बस्ती में काली माता मंदिर, झरखंडी मंदिर, श्रीराम-जानकी मंदिर, आजमगढ़ में कालिका मंदिर और उन्नाव में सिद्धपीठ माता मंशारानी मंदिर का सौंदर्यीकरण होगा.
तीर्थ स्थलों का विकास
लखीमपुर में काली मंदिर, सेठ घाट, बाबा बनवारी दास धाम, बरेली के धोपेश्वर नाथ मंदिर समेत कुल 10 धार्मिक महत्व वाले स्थलों पर सौंदर्यीकरण और विकास कार्यों को पूर्ण किया जाएगा.
बन गई योजना
UPSTDC के अफसरों के मुताबिक इन स्थलों के सौंदर्यीकरण और लंबित विकास होने से वहां पर तीर्थांटन और विकास का काम तेज होगा. इसके लिए योजना बना ली गई है.
ये जिले चिह्नित
योजना के पहले पहले चरण में कुल 5 जिलों के चिह्नित तीर्थों में विकास कार्य होंगे. इनमें बस्ती व लखीमपुर के मंदिरों व तीर्थस्थलों को प्रमुखता दी गई है.
ई-टेंडरिंग प्रक्रिया
बस्ती के विक्रमजोत में स्थित देवखार गांव में स्थित झरखंडी मंदिर, दुबखारा में काली माता मंदिर और रेपुरा के जंगलों में स्थित श्रीराम-जानकी मंदिर के विकास के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू हो गई है.
शुरू हुआ काम
आजमगढ़ के हरखोरी स्थित माता कालिका मंदिर, उन्नाव के सिद्धपीठ माता मंशारानी मंदिर और नवल जातापुर के बौद्ध तीर्थस्थल के विकास के लिए भी काम शुरू कर दिया गया है.
उमड़ते हैं श्रद्धालु
इनमें से अधिकतर धाम अपने- अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं, जहां दर्शनों के लिए साल भर लाखों श्रद्धालु उमड़ते रहे हैं. वहां पर सौंदर्यीकरण होने से रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा. (प्रस्तुति आईएएनएस)