महाकुंभ का महासंयोग साल 2025 में होने वाले कुंभ में 144 साल बाद आया है.
ये मौका न केवल हिंदूओं के लिए बल्कि पुरी दुनिया के लिए बेहद खास होने वाला है.
इस मौके पर पूरे देश और दुनिया के साधु हिस्सा लेंगे और शाही स्नान करेंगे.
हालांकि, आज हम आपको बताएंगे नागा साधु और अघोरियों के बीच क्या फर्क होता है.
अगर हम बात करें अघोरी की तो महादेव के बहुत बड़े भक्त माने जाते हैं.
ये काल्पनिक परंपरा को फॉलो करते हैं और अपने साथ कपाल लेकर चलते हैं.
वहीं अगर नागा साधुओं की बात करें तो ये अखाड़े से निकली है और इनके गुरु शंकराचार्य माने जाते हैं.
नागा साधुओं को धर्म का रक्षक कहा जाता है वहीं अघोरी शिव की भक्ति में लीन होते हैं.
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