साढ़ेसाती के प्रभाव से बचने के लिए इन बातों का विशेष ध्यान रखें

Zee News Desk
Jan 08, 2025

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्यायप्रिय और धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है जो जातक के कर्मो के आधार पर उन्हें फल देते हैं।

विज्ञान के नजरिये से देखें तो शनि ग्रह 30 साल में सुर्य के चक्कर लगाता है और ज्योतिष शास्त्र इस पूरे 360 डिग्री को 12 राशियों में बाटती है.

इस हिसाब से शनि एक राशि में ढाई साल तक रहता है, साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं।

अपनी राशि से पहले वाली राशि के ढाई साल और अपनी से बाद वाली राशि को मिलाकर साढ़े सात साल होते हैं, इसी को शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है.

शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या लोगों के जीवन में उथल पुथल मचा देती है, जातक को समझ नहीं आता कि वो क्या करे और क्या ना करे.

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

जातक को अनुशासन में रहकर अपना काम करना चाहिए और अपने मन की मनमानी से बचना चाहिए.

मन के साथ साथ अपने कार्यों पर भी ध्यान देने की जरूरत है याद रहे आपके कोई गलत काम ना हो.

सफलता हमेशा समय मांगती है इ​सलिए किसी शॉर्टकट का सहारा ना लें और कछुए की चाल से मंजिल की और बढ़ते रहें.

साढ़ेसाती के दौरान मन कभी कभी बहुत उदार हो जाता है लेकिन आपको किसी पर भी आंख बंद करके भरोसा नहीं करना है.

Disclaimer-

प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी इससे जुड़ा पढ़ें, तो उससे पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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